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Jiribam violence-मणिपुर के इम्फाल घाटी (Imphal Valley) जिलों में हिंसा भड़कने के बाद सरकार ने कर्फ्यू लागू कर दिया और सात जिलों में इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी गईं। जिरीबाम जिले में तीन महिलाओं और तीन बच्चों के शव मिलने के बाद विरोध प्रदर्शन हुए, जिनकी हत्या कथित तौर पर उग्रवादियों द्वारा की गई थी। यह घटना उस समय हुई जब वे एक राहत शिविर में रह रहे थे और एक मुठभेड़ के दौरान लापता हो गए थे।
विधायकों के घरों पर हमला और संपत्ति को नुकसान
इम्फाल घाटी में प्रदर्शनकारियों ने स्थानीय विधायकों के घरों को निशाना बनाया। सापम निशिकांत सिंह के घर पर हमला कर गेट और बंकरों को नुकसान पहुंचाया गया। इसी तरह, इम्फाल वेस्ट जिले के सगोलबंद में विधायक आरके इमो के घर में तोड़फोड़ की गई, जिसमें फर्नीचर जला दिया गया और खिड़कियां तोड़ी गईं। इस हिंसा के बीच, इम्फाल के ख्वैरामबंद कीथल क्षेत्र में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हुए।
जिरीबाम जिले में अपहरण और हत्या की घटना
जिरीबाम जिले के जिरीमुख गांव में एक नदी के पास शव मिलने से पहले, सोमवार को एक पुलिस स्टेशन पर उग्रवादियों ने हमला किया था। सुरक्षा बलों ने हमले को नाकाम कर 11 उग्रवादियों को मार गिराया। इसी दौरान, उग्रवादियों ने एक राहत शिविर से तीन महिलाओं और तीन बच्चों का अपहरण कर लिया। इन लापता लोगों की तलाश में बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान चलाया गया।
लंबे समय से जारी जातीय हिंसा और AFSPA की वापसी–Kuki-Meitei clashes
मणिपुर पिछले डेढ़ साल से मैती और कुकी-जो समुदायों के बीच जातीय हिंसा का गवाह बना हुआ है, जिसमें 200 से अधिक लोग मारे गए और हजारों बेघर हो गए। जिरीबाम, जो अब तक हिंसा से अछूता था, वहां भी स्थिति गंभीर हो गई है। हालिया घटनाओं के बाद केंद्र सरकार ने छह पुलिस स्टेशन क्षेत्रों में सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम (AFSPA) फिर से लागू कर दिया है। गृह मंत्रालय ने इसे “लगातार अस्थिर स्थिति” को नियंत्रित करने के लिए आवश्यक कदम बताया।