Kanpur News-समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायक अमिताभ बाजपेयी (Amitabh Bajpai) ने सत्ताधारी पार्टी पर आरोप लगाया है कि सीसामऊ उपचुनाव (Sisamau Vidhan sabha) में इंडिया गठबंधन के कार्यकर्ताओं को दमन का शिकार बनाया जा रहा है। उन्होंने चुनाव आयोग से अपील की है कि निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित किया जाए। बाजपेयी ने अपने संबोधन में कहा कि सत्ताधारी दल दमन के बल पर चुनाव जीतने का प्रयास कर रहा है, लेकिन जनता ने इसे अपने हाथ में ले लिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकारी एजेंसियों और पुलिस का दुरुपयोग करके कार्यकर्ताओं को धमकाया जा रहा है।
कार्यकर्ताओं पर दमन और प्रशासन की सख्ती
बाजपेयी ने बताया कि सत्ताधारी पार्टी ने इंडिया गठबंधन के सैकड़ों कार्यकर्ताओं को निशाना बनाते हुए 1000 से अधिक रेड कार्ड जारी किए हैं। कार्यकर्ताओं के घरों पर पुलिस की दबिश दी गई, वाहनों को जब्त किया गया और कई फर्जी रेड जैसे केडीए, केस्को, खाद्य विभाग और ड्रग विभाग की छापेमारी करवाई गई। उन्होंने कहा कि प्रशासन ने कार्यकर्ताओं को डरा-धमकाकर चुनाव प्रक्रिया से बाहर करने का प्रयास किया है। बावजूद इसके, कार्यकर्ताओं ने साहस दिखाया और सड़कों पर उतरकर अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई।
लोकप्रियता की कमी और फर्जीवाड़े के आरोप
अमिताभ बाजपेयी ने सत्ताधारी दल पर फर्जीवाड़े का आरोप लगाते हुए कहा कि 98 ब्यूरो बदले गए, 15000 वोट काटे गए और 5000 फर्जी वोट जोड़े गए। फर्जी आधार कार्ड बनाए जाने की सूचनाएं भी सामने आई हैं। उन्होंने सवाल किया कि इतने कदम उठाने के बाद भी पुलिस को डंडा चलाने की जरूरत क्यों पड़ी? उन्होंने कहा कि यह सरकार अपनी लोकप्रियता खो चुकी है और डंडे के बल पर चुनाव जीतने की कोशिश कर रही है। उन्होंने अंग्रेजों के दमन की तुलना करते हुए कहा कि हमारे पूर्वज अंग्रेजों से लड़े थे और हम भी इस दमनकारी सरकार से लड़ने के लिए तैयार हैं।
कार्यकर्ताओं से सतर्क रहने की अपील
बाजपेयी ने कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे सतर्क रहें और अपने लोकतांत्रिक अधिकारों का प्रयोग करें। उन्होंने कहा कि पुलिस को मतदाताओं की आईडी जांचने का अधिकार नहीं है और अगर ऐसा कोई प्रयास होता है, तो उसका वीडियो बनाकर चुनाव आयोग को टैग करें। उन्होंने कार्यकर्ताओं को रातभर सतर्क रहने और पोलिंग बूथ पर अपनी उपस्थिति सुनिश्चित करने को कहा। बाजपेयी ने कहा कि डंडे के बल पर सरकारें नहीं चलतीं और जनता ने सत्ताधारी दल की उल्टी गिनती शुरू कर दी है। उन्होंने इसे लोकतंत्र और संविधान की रक्षा की लड़ाई बताया।