DEVKINANDAN THAKUR IN KANPUR-कथा वाचक देवकीनंदन ठाकुर ने कानपुर में श्रीमद्भागवत कथा के दौरान सनातन बोर्ड के गठन की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि देश में वक्फ बोर्ड की तरह एक केंद्रीय सनातन बोर्ड का गठन होना चाहिए, जो सनातनी संस्कृति और मंदिरों की सुरक्षा सुनिश्चित करे। देवकी नंदन ने दावा किया कि बोर्ड के गठन के बाद मंदिरों का अतिक्रमण रोका जाएगा और मथुरा जैसे धार्मिक स्थलों पर मंदिर निर्माण कार्य को बल मिलेगा। उन्होंने कहा कि हिंदू बहुल देश होने के बावजूद सनातनी अपने अधिकारों से वंचित हैं और इसके लिए सरकार और विपक्ष दोनों का समर्थन जरूरी है।
सनातन बोर्ड के प्रमुख उद्देश्य
देवकीनंदन ने सनातन बोर्ड के गठन के बाद होने वाले कार्यों की रूपरेखा प्रस्तुत की। उन्होंने बताया कि बोर्ड का संचालन शंकराचार्यों के संरक्षण में होगा। इसके तहत:
- मंदिरों की संपत्ति की सुरक्षा: मंदिरों की संपत्ति देवभूमि निधियों के माध्यम से संरक्षित होगी।
- धर्मांतरण पर रोक: गरीबी के कारण धर्म परिवर्तन करने वालों को वित्तीय सहायता देकर धर्मांतरण रोका जाएगा।
- शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएं: बड़े मंदिरों की आय से गोशालाओं, अस्पतालों और आधुनिक गुरुकुलों का निर्माण होगा।
- पृथक न्याय प्रणाली: सनातन धर्म से संबंधित मामलों की सुनवाई के लिए पृथक न्याय व्यवस्था होगी।
इस प्रकार, यह बोर्ड सनातनी समाज को एक सशक्त और संरक्षित मंच प्रदान करेगा।
राजनीतिक समर्थन की अपील
सनातन बोर्ड की मांग को लेकर देवकीनंदन ठाकुर ने न केवल सरकार बल्कि विपक्षी दलों से भी समर्थन मांगा। उन्होंने राहुल गांधी, अखिलेश यादव, शरद पवार और उद्धव ठाकरे से अपील की कि वे इस मांग का समर्थन करें। उन्होंने कहा कि भारत को बांग्लादेश जैसे हालातों से बचाने के लिए सनातनी समाज को जागरूक होना होगा। साथ ही उन्होंने शुक्रवार को सनातन संत सम्मेलन और शनिवार को सनातन यात्रा का आयोजन करने की घोषणा की, जिसमें हजारों लोग शामिल होंगे।
सनातन बोर्ड से जुड़े विशिष्ट प्रावधान
देवकीनंदन ने सनातन बोर्ड के कार्यक्षेत्र और शक्ति पर प्रकाश डालते हुए बताया कि यह बोर्ड सनातन विरोधी गतिविधियों पर सख्त कार्रवाई करेगा।
- विरोधी फिल्मों और वेद निंदा पर नियंत्रण: सनातन विरोधी फिल्में, बयानबाजी और वेदों की निंदा दंडनीय अपराध होंगे।
- खाद्य प्रमाणन: खाद्य पदार्थ बनाने वाली कंपनियों को बोर्ड से प्रमाण पत्र लेना होगा।
- वैवाहिक प्रावधान: गैर-सनातनी परिवार में विवाह करने वाले युवक-युवतियों का विवाह बोर्ड के अंतर्गत मान्य नहीं होगा।
देवकी नंदन का मानना है कि इस बोर्ड के गठन से धार्मिक और सामाजिक संरचना में मजबूती आएगी।
देवकीनंदन ठाकुर का सनातन बोर्ड के गठन का प्रस्ताव न केवल धार्मिक अधिकारों की रक्षा के लिए है बल्कि यह भारतीय समाज को सांस्कृतिक और सामाजिक रूप से सशक्त बनाने का एक बड़ा कदम हो सकता है। उनके प्रयास से हिंदू समाज में एक नई जागरूकता और एकजुटता की भावना प्रबल हो रही है।