यूपी को दलहन-तिलहन में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में योगी सरकार का बड़ा कदम

LUCKNOW-उत्तर प्रदेश की योगी सरकार (YOGI GOVT) ने दलहन और तिलहन उत्पादन को आत्मनिर्भर बनाने की एक सशक्त कार्ययोजना तैयार की है। चार साल की इस योजना (2023-24 से 2026-27) के लिए 236 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (YOGI ADITYANATH) की पहल पर कृषि विभाग इस योजना को अमलीजामा पहनाने में जुटा है। इस योजना का उद्देश्य राज्य में दलहन और तिलहन की मांग और आपूर्ति के बीच संतुलन स्थापित करना है, जिससे आम आदमी को सस्ती और गुणवत्तापूर्ण दाल व तेल उपलब्ध हो सके।

मुफ्त बीज और उन्नत खेती के उपाय

योजना के तहत किसानों को उर्द, मूंग, अरहर, चना, मटर और मसूर जैसी दलहनी फसलों के अलावा तिल, मूंगफली, सरसों और अलसी के बीज मुफ्त में दिए जा रहे हैं। इन मिनी किट्स का वितरण राज्य के भौगोलिक और जलवायु परिस्थितियों के अनुसार किया जा रहा है। साथ ही, प्रगतिशील किसानों के खेतों में प्रदर्शन (डिमांस्ट्रेशन) और किसान पाठशालाओं के जरिए विशेषज्ञ किसानों को खेती के उन्नत तरीके सिखा रहे हैं। इन प्रयासों का उद्देश्य किसानों को आधुनिक कृषि तकनीकों के प्रति जागरूक करना और उत्पादन क्षमता को बढ़ाना है।

झांसी में मूंगफली क्लस्टर और यूपी एग्रीज योजनाUP-AGREES PLAN

झांसी और आसपास के क्षेत्रों में मूंगफली की खेती को प्रोत्साहित करने के लिए क्लस्टर विकसित किए जा रहे हैं। विश्व बैंक समर्थित यूपी एग्रीज योजना भी दलहन और तिलहन के उत्पादन को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।

केंद्र और राज्य की साझा पहल

केंद्र सरकार की मदद से राज्य में खेती के लिए आवश्यक आधारभूत संरचना का विकास हो रहा है। पायलट प्रोजेक्ट के तहत दलहनी और तिलहनी फसलों के लिए कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग की शुरुआत की गई है। इस प्रोजेक्ट में उत्तर प्रदेश के 35 जिलों को अरहर और 18 जिलों को उर्द की खेती के लिए चुना गया है। बुंदेलखंड क्षेत्र में विशेष रूप से दलहन ग्राम योजना लागू की गई है, जहां चने की खेती के लिए चित्रकूट, महोबा, हमीरपुर और सोनभद्र जिलों को शामिल किया गया है।

फसल सुरक्षा और उत्पादन बढ़ाने के उपाय

योजना में किसानों को रोग प्रतिरोधक बीज, सूक्ष्म सिंचाई के साधन, और इंटरक्रॉपिंग जैसी आधुनिक कृषि तकनीकों से जोड़ा जा रहा है। किसानों को फसल की कटाई और भंडारण के लिए उन्नत तकनीक की जानकारी भी दी जा रही है।

मांग और आपूर्ति में संतुलन का प्रयास

प्रदेश में फिलहाल दलहन की मांग के सापेक्ष 40-45% और तिलहन की मांग के सापेक्ष 30-35% उत्पादन होता है। इस असंतुलन के कारण अक्सर कीमतों में उछाल आता है, जिससे उपभोक्ताओं को दिक्कत होती है। इस योजना के तहत, सरकार उत्पादन को बढ़ाकर इस अंतर को समाप्त करने का प्रयास कर रही है।

आत्मनिर्भरता की दिशा में नई शुरुआत

केंद्र सरकार के सहयोग से योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश को दलहन और तिलहन के उत्पादन में अग्रणी बनाने का लक्ष्य रखा है। कृषि विशेषज्ञों और किसानों की साझेदारी से राज्य जल्द ही आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर होगा।

योगी सरकार की यह योजना केवल कृषि उत्पादकता बढ़ाने तक सीमित नहीं है, बल्कि किसानों की आय दोगुनी करने और उपभोक्ताओं को सस्ती एवं गुणवत्तापूर्ण खाद्य सामग्री प्रदान करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इस योजना से उत्तर प्रदेश न केवल अपनी जरूरतों को पूरा करेगा, बल्कि देश की खाद्य सुरक्षा में भी महत्वपूर्ण योगदान देगा।

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