जल जीवन मिशन में जनप्रतिनिधियों के समन्वय से हो हर काम: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

LUCKNOW-मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (YOGI ADITYANATH) ने जल जीवन मिशन (JAL JEEVAN MISSION) के तहत चल रही परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि हर घर तक नल से जल पहुंचाने के इस महत्वाकांक्षी अभियान में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने इन परियोजनाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करने और समयबद्ध तरीके से क्रियान्वयन के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त करने की बात कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ समन्वय बनाकर हर कार्य को शीघ्र पूरा कराया जाए, जिससे योजनाओं का लाभ आमजन तक सही समय पर पहुंचे।

जल जीवन मिशन: 40,951 योजनाएं स्वीकृत

मुख्यमंत्री (CM YOGI) ने बैठक में बताया कि जल जीवन मिशन के तहत उत्तर प्रदेश में 40,951 योजनाएं स्वीकृत हो चुकी हैं। इनकी कुल लागत ₹1,52,521.82 करोड़ है। इस योजना के तहत केंद्र और राज्य सरकार का अंशदान बराबर है, जो ₹71,714.68 करोड़ प्रत्येक का है। इसके अतिरिक्त सामुदायिक अंशदान ₹9,092.42 करोड़ है। इन योजनाओं में से अधिकांश को सौर ऊर्जा आधारित बनाया गया है, जिससे परियोजनाओं की कुल लागत में ₹13,344 करोड़ की वृद्धि हुई है।

सौर ऊर्जा आधारित योजनाओं का एक और बड़ा लाभ यह है कि इनके संचालन और अनुरक्षण में राज्य सरकार लगभग ₹1 लाख करोड़ की बचत करेगी। इस नवाचार को केंद्र सरकार द्वारा “बेस्ट प्रैक्टिसेज” के रूप में मान्यता दी गई है।

सौर ऊर्जा आधारित योजनाओं का बढ़ता उपयोग

बैठक में बताया गया कि जल जीवन मिशन के तहत उत्तर प्रदेश में 33,229 योजनाएं सौर ऊर्जा आधारित हैं। इनमें 900 मेगावाट के सोलर पैनल लगाए गए हैं। यह नवाचार पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी महत्वपूर्ण साबित हो रहा है।

  • कार्बन उत्सर्जन में कमी: सोलर आधारित परियोजनाओं के कारण हर साल लगभग 13 लाख मीट्रिक टन कार्बन डाई ऑक्साइड (CO2) के उत्सर्जन में कमी आएगी।
  • केंद्र सरकार की प्रशंसा: इस कदम को केंद्र सरकार ने “बेस्ट प्रैक्टिसेज” के रूप में मान्यता दी है, जिससे अन्य राज्यों के लिए भी यह एक उदाहरण बनेगा।

परियोजनाओं की गुणवत्ता और पारदर्शिता पर जोर

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मुख्यमंत्री ने सभी संबंधित अधिकारियों को परियोजनाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि जलापूर्ति से जुड़े कार्यों के कारण जिन सड़कों को नुकसान पहुंचा है, उनका रिस्टोरेशन समयबद्ध तरीके से होना चाहिए। साथ ही, इस प्रक्रिया में जनप्रतिनिधियों से मार्गदर्शन लेना अनिवार्य है।

  • थर्ड पार्टी ऑडिट: मुख्यमंत्री ने हर परियोजना के लिए थर्ड पार्टी सत्यापन अनिवार्य करने का निर्देश दिया है। इससे परियोजनाओं की गुणवत्ता और पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सकेगी।
  • नोडल अधिकारी की नियुक्ति: मुख्यमंत्री ने कहा कि हर प्रोजेक्ट पर एक नोडल अधिकारी नियुक्त हो, जो काम की प्रगति और समयसीमा की निगरानी करे।

जनप्रतिनिधियों के समन्वय से कार्यों को दें गति

मुख्यमंत्री ने स्थानीय जनप्रतिनिधियों को परियोजनाओं से जोड़े रखने की बात कही। उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधियों के मार्गदर्शन से योजनाओं का क्रियान्वयन अधिक प्रभावी होगा।

  • सड़कों की मरम्मत: जल जीवन मिशन के तहत जलापूर्ति के लिए सड़कों की खुदाई होती है, जिससे सड़कों को नुकसान पहुंचता है। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभागों को निर्देश दिया कि सड़कों की मरम्मत का काम प्राथमिकता के साथ पूरा किया जाए।
  • जनता को बेहतर सेवाएं: मुख्यमंत्री ने कहा कि जल जीवन मिशन का उद्देश्य केवल शुद्ध पेयजल पहुंचाना ही नहीं है, बल्कि यह सुनिश्चित करना भी है कि हर योजना अनवरत और सुचारू रूप से चले।

जल जीवन मिशन का व्यापक प्रभाव

जल जीवन मिशन न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि पूरे देश में पेयजल संकट का समाधान करने के लिए एक क्रांतिकारी पहल है। इसके तहत सौर ऊर्जा आधारित परियोजनाओं का उपयोग पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है।

  • लागत में कमी: सौर ऊर्जा आधारित परियोजनाओं से राज्य सरकार को भारी बचत हो रही है।
  • पर्यावरण संरक्षण: कार्बन उत्सर्जन में कमी से यह परियोजना पर्यावरण को स्वच्छ और स्वस्थ बनाने में सहायक है।

बैठक में मुख्यमंत्री ने बुंदेलखंड व विंध्य क्षेत्र सहित पूरे प्रदेश में जल जीवन मिशन के कार्यों के बारे में जानकारी ली।
बैठक में जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, राज्यमंत्री रामकेश निषाद आदि मौजूद रहे।

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