PRAYAGRAJ-प्रयागराज में 13 जनवरी 2025 से 26 फरवरी 2025 तक होने वाले महाकुंभ के आयोजन को और अधिक सुव्यवस्थित और ऐतिहासिक बनाने के लिए केंद्र सरकार ने उत्तर प्रदेश सरकार को 2100 करोड़ रुपये की विशेष सहायता राशि स्वीकृत की है। इस राशि की पहली किस्त के रूप में 1050 करोड़ रुपये जारी कर दिए गए हैं। उत्तर प्रदेश सरकार ने केंद्र सरकार से यह सहायता विशेष अनुरोध के तहत मांगी थी। यह धनराशि महाकुंभ में आधुनिक सुविधाएं और भव्य आयोजन सुनिश्चित करने में इस्तेमाल की जाएगी।
योगी सरकार ने बनाई 5435 करोड़ की व्यापक योजना
महाकुंभ 2025 के आयोजन के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने पहले ही 5435.68 करोड़ रुपये का बजट तय कर रखा है। इन पैसों से 421 परियोजनाओं पर काम किया जा रहा है। इनमें 3461.99 करोड़ रुपये की वित्तीय स्वीकृतियां जारी की जा चुकी हैं। इसके अतिरिक्त, 125 परियोजनाओं पर 1636 करोड़ रुपये विभागीय बजट से खर्च किए जा रहे हैं।
योगी सरकार (YOGI GOVT) ने इस आयोजन को ऐतिहासिक बनाने के लिए हर पहलू पर ध्यान केंद्रित किया है, जैसे कि रेलवे ओवरब्रिज और अंडरब्रिज का निर्माण, सड़कों का चौड़ीकरण और मजबूतीकरण, स्वच्छता अभियान, और 100 प्रतिशत सीवरेज ट्रीटमेंट की व्यवस्था।
अत्याधुनिक सुविधाओं का समावेश–DIGITAL MAHAKUMBH
महाकुंभ 2025 को एक दिव्य, भव्य और डिजिटल आयोजन के रूप में तैयार करने के लिए कई अभिनव योजनाएं बनाई जा रही हैं। इनमें डिजिटल कुंभ म्यूजियम, पर्यटन रूट सर्किट (प्रयागराज-अयोध्या-वाराणसी-विंध्याचल-चित्रकूट) और स्मार्ट सिटी के तहत प्रयागराज का व्यापक विकास शामिल है। प्रयागराज को एक सर्वश्रेष्ठ स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित करने के लिए सभी चौराहों का थीम बेस्ड सौंदर्यीकरण किया जा रहा है।
श्रद्धालुओं के लिए गंगा के किनारे अत्युत्तम सुविधाओं के साथ स्नान घाट, स्वच्छ पेयजल आपूर्ति, और स्मार्ट आईटी आधारित मॉनिटरिंग सिस्टम लगाया जाएगा। इसके साथ ही, शहर की सफाई और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन को उच्चतम स्तर पर बनाए रखने की योजना बनाई गई है।
महाकुंभ को ग्रीन, सुरक्षित और डिजिटल बनाने का लक्ष्य
महाकुंभ को ग्रीन महाकुंभ के रूप में विकसित करने के लिए पर्यावरणीय स्थिरता पर ध्यान दिया जा रहा है। स्वच्छ भारत मिशन और नगर निगम के सहयोग से शहर की स्वच्छता पर विशेष जोर दिया गया है। साथ ही, कचरे के वैज्ञानिक प्रबंधन के लिए सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम लागू किया जा रहा है।
महाकुंभ को डिजिटल बनाने के लिए तकनीकी नवाचारों का उपयोग किया जाएगा। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए डिजिटल गाइडेंस सिस्टम, ऑनलाइन बुकिंग और यात्रा से संबंधित ऐप्स का निर्माण किया जा रहा है।
श्रद्धालुओं के लिए सुविधाएं और सुरक्षा सुनिश्चित
महाकुंभ 2025 के आयोजन में आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं के लिए यात्रा और आवास की उत्कृष्ट व्यवस्था की जा रही है। रेलवे, बस सेवाएं और सड़क मार्ग को और बेहतर बनाने के लिए व्यापक योजना बनाई गई है।
श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए विशेष सुरक्षा बल और आधुनिक तकनीकी उपकरणों का उपयोग किया जाएगा। गंगा किनारे स्नान घाटों की सुरक्षा और स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जा रहा है।
महाकुंभ 2025: सांस्कृतिक और आध्यात्मिक समागम
महाकुंभ 2025 विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन होगा, जिसमें 75 देशों से करोड़ों श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। यह आयोजन न केवल सांस्कृतिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण होगा, बल्कि यह उत्तर प्रदेश और भारत के समग्र विकास का प्रतीक बनेगा।
योगी सरकार की तैयारियां और केंद्र सरकार का सहयोग इस आयोजन को ऐतिहासिक और यादगार बनाने की ओर कदम बढ़ा रहे हैं। महाकुंभ 2025 निश्चित रूप से भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का भव्य उदाहरण पेश करेगा।