Zakir Hussain News-महान तबला वादक जाकिर हुसैन का सैन फ्रांसिस्को में इलाज के दौरान निधन

image credit-Biju Kumar Deka

Zakir Hussain Death-महान तबला वादक जाकिर हुसैन का सैन फ्रांसिस्को में इलाज के दौरान निधन हो गया। उनके निधन से भारतीय संगीत जगत को अपूरणीय क्षति हुई है। उनकी कला और योगदान सदियों तक याद किए जाएंगे।

बचपन और प्रारंभिक जीवन

उस्ताद जाकिर हुसैन का जन्म 9 मार्च 1951 को मुंबई में हुआ था। वे विश्व प्रसिद्ध तबला वादक उस्ताद अल्लाह रक्खा के पुत्र थे। जाकिर हुसैन की प्रारंभिक शिक्षा मुंबई के सेंट माइकल स्कूल से हुई और स्नातक की डिग्री उन्होंने सेंट जेवियर्स कॉलेज, मुंबई से प्राप्त की। मात्र 11 वर्ष की आयु में उन्होंने अमेरिका में अपना पहला कॉन्सर्ट किया, जो उनके उज्ज्वल भविष्य की शुरुआत थी।

संगीत का सफर और वैश्विक पहचान

जाकिर हुसैन ने भारतीय शास्त्रीय संगीत के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी तबला को एक नई पहचान दिलाई। उन्होंने पंडित रविशंकर, पंडित हरिप्रसाद चौरसिया, और उस्ताद अली अकबर खान जैसे दिग्गजों के साथ प्रस्तुति दी। उनके संगीत को केवल भारत में ही नहीं बल्कि अमेरिका और यूरोप में भी सराहा गया। जाकिर हुसैन ने 150 से अधिक अंतरराष्ट्रीय संगीत कार्यक्रम किए और कई प्रतिष्ठित एल्बमों का निर्माण किया। 1973 में उनका पहला एल्बम ‘लिविंग इन द मैटेरियल वर्ल्ड’ लॉन्च हुआ था।

उन्होंने ‘प्लैनेट ड्रम’ जैसे ग्रैमी अवॉर्ड विजेता एल्बम में भी काम किया। उनकी कला ने विश्व संगीत के क्षेत्र में तबला को सम्मानजनक स्थान दिलाया।

सम्मान और उपलब्धियाँ

उस्ताद जाकिर हुसैन को भारतीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया:

  • 1988: पद्म श्री
  • 2002: पद्म भूषण
  • 2023: पद्म विभूषण
  • 1992 और 2009: ग्रैमी अवॉर्ड

इसके अतिरिक्त, वे प्रिंसटन और स्टैनफोर्ड जैसे विश्वविद्यालयों में संगीत के अतिथि प्रोफेसर भी रहे।

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