भारत के 51वें मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना को शपथ दिलाती राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू/image credit-राष्ट्रपति भवन
भारत के 51वें मुख्य न्यायाधीश (CJI) संजीव खन्ना ने सोमवार को राष्ट्रपति भवन में शपथ ग्रहण की, जहां उन्होंने न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़ का स्थान लिया। अपने छह महीने के कार्यकाल में न्यायमूर्ति खन्ना कई महत्वपूर्ण मामलों की सुनवाई करेंगे जिनमें गूगल के एंटीट्रस्ट मामले, वैवाहिक बलात्कार का अपराधीकरण, और ई-गेमिंग कराधान शामिल हैं। अपने पूर्ववर्ती चंद्रचूड़ के विपरीत, जिनका कार्यकाल दो वर्षों का था, CJI खन्ना का कार्यकाल केवल छह महीनों का होगा। इस अल्प कार्यकाल में वे कई मामलों में ऐतिहासिक फैसले दे सकते हैं।
शपथ ग्रहण के बाद महत्वपूर्ण मामलों पर नज़र
न्यायमूर्ति संजीव खन्ना ने शपथ ग्रहण के बाद से ही कई उच्च-प्रोफ़ाइल मामलों की सुनवाई का कार्यभार संभाल लिया है। इन मामलों में गूगल का एंटीट्रस्ट मुकदमा, वैवाहिक बलात्कार को अपराध घोषित करने की याचिका, और ई-गेमिंग पर कर विवाद शामिल हैं। इन मामलों में आने वाले महीनों में कोर्ट के महत्वपूर्ण फैसले की अपेक्षा की जा रही है।
वैवाहिक बलात्कार का अपराधीकरण मामला
भारत में वैवाहिक बलात्कार को अपराध बनाने का मुद्दा लंबे समय से विवाद का विषय रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने अक्टूबर में वैवाहिक बलात्कार को अपराध घोषित करने की याचिकाओं पर सुनवाई को चार सप्ताह के लिए स्थगित कर दिया था। इस मामले को CJI चंद्रचूड़ ने अपने कार्यकाल के अंत तक स्थगित किया था, ताकि यह उनके सेवानिवृत्ति से पहले पूरा न हो सके। अब इस मामले की सुनवाई नवंबर या दिसंबर में होने की संभावना है, और मुख्य न्यायाधीश खन्ना की अध्यक्षता में इसका निपटारा हो सकता है।
गूगल का एंटीट्रस्ट मामला
भारत के सर्वोच्च न्यायालय में जनवरी 2024 में गूगल द्वारा दायर एक याचिका की सुनवाई की उम्मीद है। गूगल ने राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (NCLAT) के आदेश को चुनौती दी है, जिसमें CCI (भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग) द्वारा लगाए गए ₹1,338 करोड़ के जुर्माने को बरकरार रखा गया था। CCI ने 2022 में गूगल को एंड्रॉइड ऑपरेटिंग सिस्टम में अपने प्रभाव का गलत इस्तेमाल करने का दोषी पाया था और जुर्माना लगाया था। इस मामले की सुनवाई मूल रूप से अक्टूबर में होनी थी, लेकिन इसे संविधान पीठ की अन्य सुनवाईयों के कारण स्थगित कर दिया गया था।
ई-गेमिंग पर टैक्स विवाद
एक और प्रमुख मामला, जो CJI खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ द्वारा सुना जाएगा, वह है ई-गेमिंग कंपनियों पर जीएसटी कराधान का। यह मामला जीएसटी नोटिस को लेकर दाखिल याचिकाओं का है, जिनमें ₹1.12 लाख करोड़ से अधिक की मांग की गई है। इस मामले में गेमिंग कंपनियां जीएसटी नोटिस को चुनौती दे रही हैं, और आने वाले समय में इस पर न्यायालय का महत्वपूर्ण निर्णय आने की संभावना है।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ)
1. कौन हैं भारत के 51वें मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना?
न्यायमूर्ति संजीव खन्ना भारत के सुप्रीम कोर्ट के 51वें मुख्य न्यायाधीश हैं। उन्होंने 11 नवंबर 2024 को पदभार ग्रहण किया और अपने छह महीने के कार्यकाल में कई महत्वपूर्ण मामलों की सुनवाई करेंगे।
2. मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना का कार्यकाल कितना लंबा है?
CJI संजीव खन्ना का कार्यकाल केवल छह महीने का है, जो उनके पूर्ववर्ती डी. वाई. चंद्रचूड़ के दो वर्ष के कार्यकाल से काफी छोटा है।
3. मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना किन महत्वपूर्ण मामलों की सुनवाई करेंगे?
मुख्य न्यायाधीश खन्ना के कार्यकाल के दौरान कई उच्च-प्रोफ़ाइल मामलों की सुनवाई की जाएगी। इनमें प्रमुख मामले हैं वैवाहिक बलात्कार को अपराध घोषित करने की याचिका, गूगल का एंटीट्रस्ट मामला और ई-गेमिंग कराधान विवाद।
4. गूगल एंटीट्रस्ट मामले में क्या विवाद है?
गूगल पर एंड्रॉइड ऑपरेटिंग सिस्टम में अपने प्रभाव का दुरुपयोग करने का आरोप है, जिसके लिए भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने ₹1,338 करोड़ का जुर्माना लगाया है। गूगल ने इसे चुनौती दी है, और यह मामला अब सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है।
5. ई-गेमिंग कराधान विवाद क्या है?
ई-गेमिंग पर जीएसटी कराधान का मामला ₹1.12 लाख करोड़ के जीएसटी नोटिस को चुनौती देने से जुड़ा है, जिसमें विभिन्न गेमिंग कंपनियों ने अपनी आपत्ति जताई है।
1 thought on “Chief Justice Sanjiv Khanna-भारत के 51वें मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना: जानिए उनके कुछ हाई प्रोफाइल केस”