कार्बन उत्सर्जन व प्रदूषण कम करने के लिए यूपी में चल रहे अनेक अभियान: ‘ग्रीन भारत समिट’ में सीएम योगी का संबोधन

CM YOGI IN GREEN BHARAT SUMMIT-मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (YOGI ADITYANATH) ने लखनऊ में ‘ग्रीन भारत समिट’ (GREEN BHARAT SUMMIT) में बदलते पर्यावरण और पारिस्थितिकी तंत्र पर गंभीर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि पर्यावरणीय आपदाएं मानव द्वारा किए गए अव्यवस्थित विकास और गलत आदतों का परिणाम हैं। सीएम ने कार्बन उत्सर्जन घटाने, हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने, और जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदमों पर विस्तार से प्रकाश डाला।

मानव की गलतियों से उत्पन्न पर्यावरणीय आपदाएं

सीएम (CM YOGI) ने कहा कि मानसून का बदला हुआ पैटर्न, बढ़ता जल प्रदूषण, और अनियोजित विकास के कारण पर्यावरण संकट खड़ा हो गया है।

  • मानसून का असमान वितरण: पहले मानसून जून से अगस्त तक सीमित रहता था, लेकिन अब यह अक्टूबर तक खिंच रहा है। इससे कृषि और फसल चक्र प्रभावित हो रहे हैं।
  • जल प्रदूषण और बीमारियां: प्रदूषित जल के कारण बीपी, शुगर, और पेट की बीमारियों में बढ़ोतरी हो रही है। उन्होंने कहा कि जलजनित बीमारियों पर नियंत्रण के लिए ‘हर घर नल’ योजना के तहत शुद्ध जल की आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है।
  • औद्योगिक कचरा और नदियों की स्थिति: सीएम ने कहा कि अनियोजित औद्योगिकीकरण के कारण नदियों में प्रदूषण बढ़ा है। ‘कैंसर ट्रेन’ जैसे नाम, प्रदूषण से होने वाली गंभीर बीमारियों के प्रमाण हैं।

कार्बन उत्सर्जन घटाने के लिए प्रयास

योगी सरकार (YOGI GOVT) ने 2017 से अब तक कई कदम उठाए हैं जो कार्बन उत्सर्जन घटाने में प्रभावी रहे हैं।

  • एलईडी स्ट्रीट लाइट्स: 16 लाख एलईडी स्ट्रीट लाइट्स लगाकर 9.4 लाख टन कार्बन उत्सर्जन कम किया गया।
  • सोलर ऊर्जा: पीएम मोदी (PM MODI) की “पीएम सूर्य घर योजना” के तहत लोगों को सोलर पैनल लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।
  • कंप्रेस्ड बायो गैस: देश में कंप्रेस्ड बायो गैस के सबसे अधिक प्लांट उत्तर प्रदेश में स्थापित किए गए हैं।

वनाच्छादन और ग्रीन एनर्जी पर जोर

मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में 204 करोड़ पौधे लगाए गए हैं, जिससे राज्य का वनाच्छादन 10% तक बढ़ गया है। अगले तीन वर्षों में इसे 15% तक ले जाने का लक्ष्य है।

  • 23,000 हेक्टेयर लैंडबैंक: राज्य में रिन्यूवल एनर्जी प्रोजेक्ट्स के लिए भूमि तैयार की गई है।

घरेलू प्रदूषण और उज्ज्वला योजना का प्रभाव

सीएम ने घरेलू प्रदूषण को लेकर भी चिंता जताई।

  • लकड़ी और कोयले पर खाना बनाना, 100 सिगरेट के धुएं जितना हानिकारक है।
  • उज्ज्वला योजना: 10 करोड़ परिवारों को मुफ्त एलपीजी कनेक्शन देकर घरेलू प्रदूषण कम किया गया।

बीमारियों से निपटने में सफलता

सीएम ने कहा कि गंदगी और प्रदूषित जल के कारण 40 वर्षों में 50,000 बच्चों की मौत हुई थी।

  • इंसेफेलाइटिस पर नियंत्रण: हर घर शौचालय और शुद्ध जल की आपूर्ति के कारण अब इंसेफेलाइटिस से मौतें नहीं हो रही हैं।

समाज और संस्थानों की भागीदारी आवश्यक

मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण केवल सरकार की जिम्मेदारी नहीं है। इसमें समाज और संस्थानों की भागीदारी भी जरूरी है।

  • उन्होंने विशेषज्ञों से शोध और नवाचार को बढ़ावा देने की अपील की।
  • ‘ग्रीन भारत समिट’ जैसे आयोजनों को पर्यावरण संरक्षण के लिए आवश्यक कदम बताया।

योगी सरकार ने पर्यावरण संरक्षण को प्राथमिकता दी है। उनके प्रयासों का उद्देश्य न केवल कार्बन उत्सर्जन और प्रदूषण कम करना है, बल्कि लोगों को जागरूक करना और समाज को इस अभियान का हिस्सा बनाना भी है। यह स्पष्ट है कि सतत विकास और हरित ऊर्जा को बढ़ावा देकर राज्य न केवल अपने नागरिकों के स्वास्थ्य में सुधार कर रहा है, बल्कि पर्यावरणीय चुनौतियों से भी प्रभावी ढंग से निपट रहा है।

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