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Iran nuclear program-पिछले महीने ईरान के पारचिन इलाके में इज़राइल द्वारा किए गए हवाई हमलों में एक सक्रिय परमाणु हथियार अनुसंधान केंद्र को नष्ट कर दिया गया। यह हमला 26 अक्टूबर को कई घंटे चले ऑपरेशन का हिस्सा था, जो ईरान (Iran) द्वारा इज़राइल (Israel) पर किए गए पहले हमले की प्रतिक्रिया में किया गया था। अमेरिकी और इज़राइली अधिकारियों के अनुसार, इस हमले में ऐसे परिष्कृत उपकरण नष्ट हो गए, जिनका उपयोग परमाणु उपकरण तैयार करने के लिए किया जा सकता था। इससे ईरान का परमाणु अनुसंधान कई वर्षों तक पीछे चला गया।
गुप्त स्थान पर हमला और इज़राइल का संदेश–Israel nuclear weapons
पारचिन में “टालेघन 2” नामक स्थल को इस हमले में निशाना बनाया गया। यह स्थल पहले से ही ईरान के पुराने परमाणु कार्यक्रम (iran nuclear program) का हिस्सा माना जाता था, जिसे 2003 में आधिकारिक रूप से बंद कर दिया गया था। हाल के महीनों में, इस साइट पर गतिविधियों की जानकारी अमेरिकी और इज़राइली खुफिया एजेंसियों को मिली, जिसमें कंप्यूटर मॉडलिंग और धातु अनुसंधान जैसे कार्य शामिल थे। इस हमले के बाद विशेषज्ञों का कहना है कि ईरान को अपने परमाणु कार्यक्रम को फिर से पटरी पर लाने के लिए नष्ट उपकरणों को बदलना होगा, जिसे ट्रैक करने की क्षमता इज़राइल के पास है।
ईरान पर अंतरराष्ट्रीय दबाव और निरीक्षण की चुनौतियां
यह हमला ऐसे समय हुआ जब संयुक्त राष्ट्र की परमाणु निगरानी संस्था आईएईए (IAEA) के प्रमुख राफेल ग्रॉसी ने ईरान के दो परमाणु स्थलों का दौरा किया। ईरान के अधिकारियों ने कहा कि वे विवादों को हल करने के लिए तैयार हैं लेकिन दबाव में समझौता नहीं करेंगे। इसके विपरीत, ईरान पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ रहा है, क्योंकि उसने आईएईए को कई संवेदनशील स्थलों तक पहुंच देने से इनकार कर दिया है।
ट्रंप की सुरक्षा और ईरान का जवाब
इस बीच, अमेरिका और ईरान के बीच तनाव उस समय बढ़ गया जब ईरान ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की हत्या की कथित योजनाओं के आरोपों को खारिज किया। ईरान ने अक्टूबर में एक लिखित संदेश में कहा कि वह ट्रंप पर हमले की कोशिश नहीं करेगा। हालांकि, अमेरिकी अधिकारियों ने ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स से जुड़े षड्यंत्रों का आरोप लगाते हुए कई व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई की है। इस संदर्भ में ट्रंप की सुरक्षा बढ़ा दी गई है, क्योंकि ईरान के प्रति उनकी सख्त नीति ने नई चुनौतियां खड़ी की हैं।