दिवाली/ image credit-pxhere
दिवाली के पहले वेतन का संकट शहर के कई विभागों में कर्मचारियों के बीच चिंता का कारण बना हुआ है। विभिन्न सरकारी विभागों और संस्थानों में कार्यरत नियमित, संविदा, और आउटसोर्सिंग कर्मियों के वेतन भुगतान को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है। इससे कर्मचारियों के दिवाली की खुशियों पर सवालिया निशान लग गया है। आइए जानते हैं किन विभागों में क्या हालात हैं और किसे वेतन मिलने की उम्मीद है।
नगर निगम: सबसे ज्यादा कर्मचारी, सबसे बड़ा वेतन संकट
शहर के नगर निगम में लगभग 7,800 कर्मचारी कार्यरत हैं, जिनमें से 4,000 आउटसोर्सिंग पर, 1,300 संविदा पर, और 2,500 स्थायी कर्मचारी हैं। सबसे बड़ा संकट यहां आउटसोर्सिंग कर्मियों का है, जिनका मानदेय 20 से 25 हजार रुपये के नीचे है। नगर निगम कर्मचारी संघ के महामंत्री रमाकांत मिश्रा का कहना है कि अगर दिवाली से पहले वेतन नहीं मिलता है, तो निगम के खजाने से वेतन के भुगतान के लिए दबाव बनाया जाएगा।
जलकल विभाग: नियमित कर्मियों को राहत, आउटसोर्सिंग की स्थिति खराब
जलकल विभाग में लगभग 1,000 कर्मचारी हैं, जिनमें से 850 नियमित कर्मियों के लिए वेतन की तैयारी हो रही है। महाप्रबंधक आनंद कुमार त्रिपाठी ने वेतन भुगतान के लिए आदेश दिए हैं, लेकिन 150 आउटसोर्सिंग कर्मियों का मानदेय दिवाली के पहले मिलना मुश्किल नजर आ रहा है। यहां भी बोनस पर कोई स्पष्टता नहीं है।
जिला प्रशासन: वेतन का इंतजार आदेश पर निर्भर
कलेक्ट्रेट और तहसील के कर्मचारियों का वेतन तभी मिलेगा जब ऊपर से आदेश आएगा। हर महीने की 2-3 तारीख को वेतन मिल जाने की परंपरा है, लेकिन इस बार दिवाली से पहले वेतन के लिए आदेश आने की संभावना कम है। कोषाधिकारी विनोद कुमार सिंह ने बताया कि अभी तक पहले वेतन देने का कोई आदेश नहीं मिला है।
केस्को: आदेश न मिला तो दिवाली के बाद वेतन
केस्को में 1,300 अधिकारी-कर्मचारी और अभियंता हैं, जिनका वेतन हर महीने की 2-3 तारीख को आता है। लेकिन इस बार दिवाली से पहले वेतन मिलने का कोई आदेश नहीं आया है। इसके अलावा आउटसोर्सिंग कंपनियों के 1,145 कर्मचारी हैं, जिन्हें भी मानदेय महीने की 7 तारीख तक मिलता है।
केडीए: वेतन के लिए संघर्ष, हड़ताल की धमकी
कानपुर विकास प्राधिकरण (केडीए) में 600 कर्मचारी हैं। यहां नियमित और आउटसोर्सिंग दोनों तरह के कर्मचारी काम करते हैं। कर्मचारियों को दिवाली से पहले वेतन मिलने की उम्मीद कम है। केडीए कर्मचारी कल्याण एसोसिएशन के महामंत्री दिनेश बाजपेई का कहना है कि 26 अक्तूबर तक वेतन नहीं मिला तो हड़ताल की जाएगी।
पीडब्ल्यूडी: वेतन पर निर्भरता
लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) में 613 स्थायी कर्मचारी हैं। इनका वेतन हर महीने की 2-3 तारीख तक आता है। यहां भी वेतन भुगतान पर अनिश्चितता बनी हुई है।
रोडवेज: दिवाली से पहले एडवांस
रोडवेज के कानपुर रीजन में 915 नियमित कर्मचारी हैं, जिन्हें दिवाली से पहले एडवांस राशि मिलने की पूरी संभावना है। संविदा चालक और परिचालकों के लिए भी वेतन की तैयारी की जा रही है।
शिक्षा विभाग: वेतन मिलने की उम्मीद
माध्यमिक शिक्षा विभाग में चार हजार शिक्षक और शिक्षणेत्तर कर्मचारी कार्यरत हैं। जिला विद्यालय निरीक्षक अरुण कुमार ने बताया कि वेतन के लिए कोई संकट नहीं है और दिवाली से पहले वेतन मिलने की संभावना है। वहीं, बेसिक शिक्षा विभाग में 9,000 कर्मचारियों को भी दिवाली से पहले वेतन देने की तैयारी चल रही है।
सीएसजेएमयू और अन्य विश्वविद्यालय
छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय (सीएसजेएमयू) और एचबीटीयू के शिक्षकों और कर्मचारियों को दिवाली से पहले वेतन मिलने की उम्मीद है। यहां वेतन विभाग ने पहले से ही वेतन तैयार करने का काम शुरू कर दिया है।
अन्य विभागों की स्थिति
मनरेगा के कर्मचारियों का वेतन जुलाई से रुका हुआ है, जबकि लाल इमली के कर्मचारियों को 34 महीने से वेतन नहीं मिला है। इसके अलावा पंचायती राज विभाग और एनआरएलएम जैसे विभागों में भी वेतन को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है।
शहर के विभिन्न विभागों में वेतन को लेकर स्थिति अब भी स्पष्ट नहीं है। कुछ विभागों में वेतन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, लेकिन कई जगहों पर कर्मचारी अब भी आदेश का इंतजार कर रहे हैं। इस अनिश्चितता के बीच, दिवाली के पहले वेतन मिलने की उम्मीद के साथ कर्मचारियों की चिंताएं बढ़ती जा रही हैं।