image credit-X
UP News-उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ स्थित भक्ति धाम मनगढ़ के संस्थापक और मथुरा के प्रेम मंदिर (Prem Mandir Vrindavan) के प्रसिद्ध संत जगद्गुरु कृपालु महाराज की बड़ी बेटी डॉ. विशाखा त्रिपाठी (Vishakha Tripathi) का यमुना एक्सप्रेसवे पर हुए दर्दनाक हादसे में निधन हो गया। हादसा उस समय हुआ जब विशाखा और उनकी दो बहनें डॉ. कृष्णा और डॉ. श्यामा त्रिपाठी दिल्ली जा रही थीं। एक कैंटर के अनियंत्रित होकर उनकी कारों से टकराने से यह दुर्घटना हुई। विशाखा त्रिपाठी की मौत से पूरे मनगढ़ आश्रम और भक्त समुदाय में शोक की लहर दौड़ गई है।
कैसे हुआ हादसा?
शनिवार देर रात यमुना एक्सप्रेसवे पर नोएडा के दनकौर थाना क्षेत्र में विशाखा और उनकी बहनों की गाड़ी को ओवरटेक करते समय एक कैंटर पलट गया और कारों पर गिर पड़ा। विशाखा की कार में मौजूद अन्य लोग और दूसरी कार में सवार बहनों को भी चोटें आईं। मौके पर पहुंचे स्थानीय लोगों और पुलिस ने घायलों को कार से बाहर निकाला और दिल्ली के अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया। जहां डॉक्टरों ने विशाखा त्रिपाठी को मृत घोषित कर दिया। उनके साथ यात्रा कर रही बहनों और अन्य घायलों का इलाज जारी है।
मनगढ़ आश्रम में शोक और विशाखा का अंतिम संस्कार
इस घटना के बाद भक्ति धाम मनगढ़ में तीन दिनों के शोक की घोषणा की गई। विशाखा त्रिपाठी का पार्थिव शरीर वृंदावन के प्रेम मंदिर लाया गया, जहां उनके अनुयायियों ने अंतिम दर्शन किए। सोमवार को यमुना तट पर उनका अंतिम संस्कार होगा। उल्लेखनीय है कि करीब 15 साल पहले कृपालु महाराज का भी निधन एक दुर्घटना के बाद हुआ था। उनकी शिक्षाओं और योगदानों को याद करते हुए अनुयायियों ने इस घटना को बहुत ही दुखद करार दिया है।
जगद्गुरु कृपालु महाराज और उनकी विरासत
कृपालु महाराज ने भक्ति और आध्यात्मिकता के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिया। उनकी शिक्षाओं के कारण उन्हें “जगद्गुरुत्तम” की उपाधि प्राप्त हुई। आज उनके अनुयायी देश-विदेश में हैं, और उनकी बेटियां उनके मिशन को आगे बढ़ा रही थीं। विशाखा त्रिपाठी के निधन से यह विरासत गहरे शोक में है।