डॉ. एस. जयशंकर /image credit-X
पिछले कुछ दिनों में भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्तों में एक नया बदलाव देखने को मिला, जब भारतीय विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए इस्लामाबाद का दौरा किया। इस दौरान दोनों देशों के नेताओं ने एक-दूसरे पर सीधे हमला करने से परहेज किया, जिससे संकेत मिला कि शायद दोनों पक्ष रिश्तों में सुधार की दिशा में कुछ सकारात्मक कदम उठाने के इच्छुक हैं।
जब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने इस्लामाबाद में डॉ. एस. जयशंकर का स्वागत किया, तब उनकी बॉडी लैंग्वेज और गर्मजोशी से भरी मुस्कान ने एक नई संभावना का इशारा किया। SCO शिखर सम्मेलन के दौरान दोनों नेताओं ने कई बार हाथ मिलाया और संवाद किया, जिससे इस बात के संकेत मिले कि भविष्य में दोनों देशों के बीच और सकारात्मक बातचीत हो सकती है।
SCO शिखर सम्मेलन में हुए अनौपचारिक संवाद
एक और आश्चर्यजनक पहलू यह था कि SCO शिखर सम्मेलन के दौरान, भारतीय विदेश मंत्री डॉ. जयशंकर और पाकिस्तान के वित्त मंत्री इशाक डार ने साथ बैठकर भोजन किया। यह कोई औपचारिक संवाद नहीं था, लेकिन इसे दोनों पक्षों ने सकारात्मक रूप से लिया। इस अनौपचारिक बातचीत को डॉ. जयशंकर ने ट्विटर पर भी साझा किया, जिसे बाद में पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने आभार व्यक्त करते हुए रीट्वीट किया। यह कदम दोनों देशों के बीच सामान्य रूप से नहीं देखा जाता और इसने संकेत दिया कि रिश्तों में सुधार की संभावना बन रही है।
नवाज शरीफ का सकारात्मक संदेश- Nawaz Sharif Positive Response
SCO शिखर सम्मेलन के बाद, भारतीय पत्रकारों के अनुरोध पर पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) के अध्यक्ष और पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ (Nawaz Sharif) ने पंजाब के मुख्यमंत्री कार्यालय, लाहौर में भारतीय मीडिया से मुलाकात की। नवाज शरीफ ने डॉ. एस. जयशंकर की पाकिस्तान यात्रा की सराहना करते हुए कहा, “यह एक नई शुरुआत है, हमें अतीत को दफनाकर भविष्य की ओर देखना चाहिए।” उन्होंने जोर देकर कहा कि 75 वर्षों से बर्बाद किए गए समय को अब और बर्बाद नहीं करना चाहिए। यह बयान पाकिस्तान की ओर से एक स्पष्ट संकेत था कि वे भारत के साथ रिश्तों को सुधारने के इच्छुक हैं।
जब पत्रकार ने नवाज शरीफ से कश्मीर में अनुच्छेद 370 के मुद्दे पर सवाल किया, तो उन्होंने कहा कि फिलहाल ऐसे मुद्दों पर चर्चा नहीं होनी चाहिए। इसके बजाय, दोनों देशों को सकारात्मक कदमों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। इससे यह संकेत मिला कि दोनों देशों के बीच वार्ता शुरू होने की संभावना है, और विवादास्पद मुद्दों को फिलहाल किनारे रखा जा सकता है।
व्यापार, क्रिकेट और सांस्कृतिक आदान-प्रदान पर नवाज शरीफ के विचार
नवाज शरीफ ने भारत और पाकिस्तान के बीच व्यापार, क्रिकेट और सांस्कृतिक सहयोग को फिर से शुरू करने की वकालत की। उन्होंने कहा, “हम व्यापार के लिए दुबई के रास्ते दो दिन बर्बाद करते हैं, जबकि इसे सीधा भारत और पाकिस्तान के बीच दो घंटे में किया जा सकता है।” उन्होंने दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय क्रिकेट संबंधों को फिर से शुरू करने की बात भी की।
जब उनसे पूछा गया कि क्या भारत को चैंपियंस ट्रॉफी के लिए अपनी टीम पाकिस्तान भेजनी चाहिए, तो नवाज शरीफ ने कहा, “आप मेरे दिल की बात कह रहे हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि अगर पाकिस्तान टीम भारत में कोई फाइनल मैच खेलती है, तो वह खुद मैच देखने भारत आएंगे। नवाज शरीफ ने वीजा नियमों को उदार बनाने की भी बात कही, जैसा कि उनके शासनकाल में था।