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अमेरिका का राष्ट्रपति चुनाव विश्व का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक चुनाव माना जाता है। इस प्रक्रिया में हर राज्य और मतदाता की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। अमेरिका में राष्ट्रपति का चयन सीधे जनता द्वारा नहीं, बल्कि एक विशेष संस्था जिसे इलेक्टोरल कॉलेज कहते हैं, उसके माध्यम से किया जाता है। यहां हम जानेंगे कि इलेक्टोरल कॉलेज क्या है, इसकी कुल सीटें कितनी हैं, और कैसे यह राष्ट्रपति के चयन में अहम भूमिका निभाती है।
इलेक्टोरल कॉलेज: अमेरिकी चुनाव प्रणाली की नींव– US Presidential Election
अमेरिका के चुनावी प्रणाली में जनता द्वारा वोटिंग होती है, परंतु उनके वोट सीधे राष्ट्रपति चुनने के लिए नहीं होते हैं। जनता के वोट से चुने गए प्रतिनिधि इलेक्टोरल कॉलेज में शामिल होते हैं और ये प्रतिनिधि ही अंततः राष्ट्रपति और उप-राष्ट्रपति का चयन करते हैं। इलेक्टोरल कॉलेज की स्थापना अमेरिकी संविधान में की गई थी, जिसका मुख्य उद्देश्य संघीय प्रणाली को बनाए रखना और राज्य की महत्ता को बढ़ाना है।
इलेक्टोरल कॉलेज में कुल सीटें और उनका विभाजन-Total seats in US presidential election
इलेक्टोरल कॉलेज में कुल 538 सीटें होती हैं। इनमें से एक उम्मीदवार को जीतने के लिए 270 इलेक्टोरल वोट की आवश्यकता होती है, जो बहुमत का प्रतीक है। इन 538 सीटों का विभाजन राज्यों की जनसंख्या के अनुसार होता है। प्रत्येक राज्य में प्रतिनिधियों की संख्या उस राज्य की जनसंख्या पर आधारित होती है, जिसका निर्धारण दशकीय जनगणना के आधार पर होता है।
- प्रतिनिधि: प्रत्येक राज्य के प्रतिनिधियों की संख्या कांग्रेस में उस राज्य के प्रतिनिधियों की संख्या के बराबर होती है। इसमें सीनेट में 2 सीनेटर और हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स में जनसंख्या के आधार पर प्रतिनिधि शामिल होते हैं।
- विशेष भूमिका: वाशिंगटन, डी.सी., जो कि एक राज्य नहीं है, को भी तीन इलेक्टोरल वोट मिलते हैं। इस तरह 538 का आंकड़ा पूरा होता है।
प्रत्येक राज्य का योगदान और महत्वपूर्ण ‘स्विंग स्टेट्स’
अमेरिकी चुनाव में कुछ राज्य स्विंग स्टेट्स कहलाते हैं क्योंकि वे किसी एक पार्टी के प्रति स्थायी नहीं होते और अक्सर इनमें नतीजे किसी भी ओर जा सकते हैं। इन राज्यों में ओहियो, फ्लोरिडा, पेंसिल्वेनिया, और एरिजोना जैसे राज्य शामिल हैं। इन राज्यों के इलेक्टोरल सीटें चुनाव की दिशा तय करने में निर्णायक साबित होती हैं।
उदाहरण के लिए, कैलिफोर्निया के पास सबसे अधिक 55 इलेक्टोरल सीटें हैं, जबकि टेक्सास में 38 सीटें हैं। इन बड़े राज्यों में जीत हासिल करने वाला उम्मीदवार अपने पक्ष में महत्वपूर्ण बढ़त बना सकता है।
इलेक्टोरल कॉलेज का महत्व और आलोचना
इलेक्टोरल कॉलेज प्रणाली का समर्थन करने वाले लोग मानते हैं कि यह प्रणाली संघीय ढांचे को संतुलित बनाए रखती है और छोटे राज्यों को भी महत्व देती है। इसके विपरीत, कुछ लोग मानते हैं कि यह प्रणाली असमान है क्योंकि यह किसी उम्मीदवार के बहुमत वोट जीतने के बावजूद, हारने का कारण भी बन सकती है।
इलेक्टोरल कॉलेज की आलोचना इस बात को लेकर भी की जाती है कि इससे छोटे राज्यों को ज्यादा महत्व मिलता है और बड़े राज्यों के भीतर अल्पसंख्यक मतदाताओं की आवाज दब सकती है।
चुनाव परिणाम का गणित: कैसे होती है जीत की घोषणा?
चुनाव में विजेता वह उम्मीदवार होता है, जो 270 या उससे अधिक इलेक्टोरल वोट हासिल करता है। 538 में से 270 इलेक्टोरल वोट प्राप्त करना आवश्यक होता है, और चुनाव परिणाम राज्यवार इलेक्टोरल सीटों के हिसाब से घोषित किया जाता है। प्रत्येक राज्य के भीतर जिस उम्मीदवार को बहुमत मिलता है, वह उस राज्य की सभी इलेक्टोरल सीटें हासिल करता है, जिससे वह अपने पक्ष में अधिक सीटें जोड़ता जाता है।
इस तरह, अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव प्रणाली अपनी जटिलता के बावजूद, एक अद्वितीय तरीका है जो संघीय लोकतंत्र को बनाए रखता है और राज्यों के महत्व को सुनिश्चित करता है।
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