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उत्तर प्रदेश पुलिस की साइबर सेल ने एक अंतरराष्ट्रीय साइबर ठगी के गिरोह का पर्दाफाश करते हुए चार आरोपियों को भोपाल से गिरफ्तार किया है। यह गिरोह शेयर मार्केट और क्रिप्टो करंसी में भारी मुनाफे का लालच देकर पूरे देश में लोगों से ठगी करता था। गिरोह का सरगना, जो सिर्फ आठवीं कक्षा तक पढ़ा है, भारत में ठगी का संचालन करता था, जबकि पूरी योजना चीन, दुबई और आर्मेनिया से संचालित होती थी। गिरोह ने अब तक 20 राज्यों में 238 वारदातों को अंजाम दिया है और 500 से अधिक लोगों को ठगी का शिकार बनाया है। हाल ही में इस गिरोह ने कानपुर (Kanpur) के एक सेना अधिकारी से 1.78 करोड़ रुपये ठग लिए थे, जिसकी शिकायत के बाद साइबर सेल ने यह कार्रवाई की।
सरगना और गिरोह के अन्य सदस्य-Cyber Crime
गिरफ्तार आरोपियों में भोपाल निवासी रोहित सोनी, होशंगाबाद का अक्षय गुरू, बिहार का मनीष कुमार मंडल और एमबीए पास मयंक मीणा शामिल हैं। रोहित ने इंटरनेट और दोस्तों की मदद से साइबर ठगी के तरीकों को सीखा और अपने सहयोगियों को भी ट्रेनिंग दी। यह गिरोह सोशल मीडिया से मोबाइल नंबर जुटाकर लोगों को फर्जी ट्रेडिंग व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ता था और मुनाफे का झांसा देकर ठगी करता था।
50 करोड़ का लेन-देन और अंतरराष्ट्रीय लिंक
साइबर सेल की जांच में पता चला कि आरोपियों के पास आठ बैंक खातों से पिछले महीने में 15 करोड़ रुपये का लेन-देन हुआ है। कुल मिलाकर, इस गिरोह ने 50 करोड़ से अधिक का लेन-देन किया है। ठगी से कमाए गए पैसे को क्रिप्टो करंसी के जरिए चीन, दुबई और आर्मेनिया भेजा जाता था, जहां से यह पैसा गिरोह के प्रमुख संचालकों तक पहुंचता था। पुलिस ने इस नेटवर्क के विदेशी लिंक की जांच शुरू कर दी है।
लग्जरी गाड़ियां, मोबाइल और अन्य सामान बरामद
गिरफ्तारी के दौरान पुलिस ने आरोपियों के पास से 15 मोबाइल फोन, लैपटॉप, मैकबुक, एटीएम मशीन, स्मार्ट वॉच, पासपोर्ट, पैन कार्ड, 33 चेक बुक्स, फाइनेंशियल फर्मों के दस्तावेज़ और एक लग्जरी कार बरामद की। पुलिस का मानना है कि गिरोह का नेटवर्क काफी बड़ा है, और इसके कई और सदस्यों की तलाश की जा रही है।
साइबर ठगी के तरीकों पर सवाल
साइबर अपराधी सोशल मीडिया का उपयोग करके लोगों को अपने जाल में फंसा रहे हैं। डीसीपी क्राइम, आशीष श्रीवास्तव के अनुसार, यह गिरोह बड़े पैमाने पर साइबर अपराध कर रहा था और इसका मुख्य ठिकाना भारत के बाहर था।